बर्तन से पूरी तरह पोंछ कर खाना खाने वाले एक युवक के दोस्त उसका रोज मज़ाक उड़ाते थे.!
एक ने उस युवक से पूछा - "तुम रोजाना बर्तन में एक कण भी क्यों नहीं छोड़ते?
बालक बोला इसके 3 कारण हैं
1. यह मेरे पिता के प्रति आदर है, जो इस भोजन को मेहनत से कमाए रूपयों से खरीद कर लाते हैं ।
2. ये मेरी माँ के प्रति आदर है जो सुबह जल्दी उठकर बड़े चाव से इसे पकाती हैं।
3. यह आदर मेरे देश के उन किसानो के प्रति है, जो खेतो में भूखे रहकर कड़ी मेहनत से इसे पैदा करते हैं।
इसलिए थाली में झूठा छोड़ना अपनी शान न समझे।
जितना आप अन्न बर्बाद करते हैं कई लोगों का पेट भर सकता है।
थाली में न छोड़े जूठा खाना
जब लोग खाना खाते हैं तो अक्सर ज्यादा परोस लेते हैं, जिसकी वजह से खाने के बाद थाली में जूठा खाना बचा रह जाता है,
थाली में जूठन छोड़ना अशुभ तो माना ही जाता है साथ ही इससे अन्न की बर्बादी भी होती है। शादी समारोह आदि में अक्सर यह देखने में आता है कि लोग खाने के बाद बहुत सारा खाना ऐसे ही छोड़ देते हैं, अन्न का अत्यधिक उपभोग व्यक्ति को दरिद्रता की ओर ले जाता है।
एक ने उस युवक से पूछा - "तुम रोजाना बर्तन में एक कण भी क्यों नहीं छोड़ते?
बालक बोला इसके 3 कारण हैं
1. यह मेरे पिता के प्रति आदर है, जो इस भोजन को मेहनत से कमाए रूपयों से खरीद कर लाते हैं ।
2. ये मेरी माँ के प्रति आदर है जो सुबह जल्दी उठकर बड़े चाव से इसे पकाती हैं।
3. यह आदर मेरे देश के उन किसानो के प्रति है, जो खेतो में भूखे रहकर कड़ी मेहनत से इसे पैदा करते हैं।
इसलिए थाली में झूठा छोड़ना अपनी शान न समझे।
जितना आप अन्न बर्बाद करते हैं कई लोगों का पेट भर सकता है।
थाली में न छोड़े जूठा खाना
जब लोग खाना खाते हैं तो अक्सर ज्यादा परोस लेते हैं, जिसकी वजह से खाने के बाद थाली में जूठा खाना बचा रह जाता है,
थाली में जूठन छोड़ना अशुभ तो माना ही जाता है साथ ही इससे अन्न की बर्बादी भी होती है। शादी समारोह आदि में अक्सर यह देखने में आता है कि लोग खाने के बाद बहुत सारा खाना ऐसे ही छोड़ देते हैं, अन्न का अत्यधिक उपभोग व्यक्ति को दरिद्रता की ओर ले जाता है।